रविवार शाम को केंद्रीय विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया से सटे सराय जुलेना इलाक़े और मथुरा रोड पर नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान कई बसों में आग लगा दी गई. बसों में लगी आग बुझाने के लिए पहुंची फ़ायर ब्रिगेड और पुलिस की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव दिल्ली के सराय जुलेना और मथुरा रोड पर हुआ. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों सहित स्थानीय लोग सराय जुलेना पर नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे थे. इन ख़बरों पर समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए जामिया यूनिवर्सिटी के आला अधिकारियों ने ये दावा किया है कि हिंसा इसी इलाक़े में स्थानीय लोगों द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान हुई, ना कि यूनिवर्सिटी के छात्रों के प्रदर्शन के समय. यूनिवर्सिटी के चीफ़ प्रॉटर वसीम अहमद ख़ान ने ट्वीट किया कि दिल्ली पुलिस ने बिना अनुमति के परिसर में प्रवेश किया है. उनके कर्मचारियों और छात्रों को पीटा गया और परिसर छोड़ने पर मजबूर किया गया है. जामिया टीचर एसोसिएशन ने छात्रों से अपील की है कि वो इलाक़े में स्थानीय नेताओं द्वारा किए जा रहे दिशाहीन प्रदर्शनों में कतई शामिल ना हों. जामिया की वीसी नजमा अख़्तर ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि पुस्तकालय के भीतर के छात्रों को बाहर निकाला गया और वो सुरक्षित हैं. उन्होंने पुलिस की कार्रवाई की निंदा की. उन्होंने वीडियो संदेश जारी कर कहा है कि पुलिस का कैंपस में बिना इजाज़त आना और लाइब्रेरी में पढ़ रहे निर्दोष बच्चों पर लाठी बरसाना उनके लिए स्वीकार्य नहीं है. नजमा अख़्तर ने छात्रों से कहा कि वे मुश्किल घड़ी में अकेले नहीं हैं और इस मामले को वो ऊपर से ऊपर लेकर जाएंगी.
घटनास्थल पर मौजूद बीबीसी संवाददाता बुशरा शेख ने बताया कि एक पुरुष पुलिसवाले ने ना सिर्फ़ उनका मोबाइल छीन कर तोड़ दिया बल्कि बदसलूकी भी की.
दिल्ली पुलिस ने क्या कहा:
दक्षिण-पूर्व दिल्ली के डीसीपी चिन्मय बिस्वाल ने कहा है कि प्रदर्शन में आई भीड़ बहुत आक्रामक थी. स्थिति को कंट्रोल करने के लिए हमने उग्र भीड़ को तितर-बितर किया था जिसके जवाब में पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाज़ी की गई. बिस्वाल ने कहा, "हमें जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों से कोई शिक़ायत नहीं थी. पर कैंपस के अंदर से भी हम पर पथराव किया गया. हम यूनिवर्सिटी प्रशासन से कहेंगे कि वे उन छात्रों की पहचान करें." बिस्वाल ने कहा कि उग्र भीड़ ने डीटीसी की चार बसों और पुलिस के दो वाहनों समेत कुछ अन्य वाहनों में भी आग लगाई जिसकी वजह से पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े.
दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि जामिया यूनिवर्सिटी और इससे सटे इलाक़ों में फ़िलहाल स्थिति नियंत्रण में है. दिल्ली पुलिस ने बताया है कि हिंसक घटना में एक डीसीपी, तीन एसीपी, पांच एसएचओ घायल हुए हैं. साथ ही एक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से आईसीयू में भर्ती है. वहीं, इस घटना में कम से कम 10 छात्र घायल हैं और हॉली फ़ैमिली अस्पताल में भर्ती हैं. साथ ही 25 से अधिक छात्रों को हिरासत में लिया गया है जो न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी और कालकाजी थानों में है. दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने कालकाजी पुलिस थाने के एसएचओ को ख़त लिखकर घायल छात्रों को रिहा करने को कहा है. वहीं, दिन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने की अपील की. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता है. पुलिसिया कार्रवाई के बाद जामिया के छात्रों ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. छात्रों के समर्थन में जेएनयू, दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों समेत कांग्रेस नेता सलमान ख़ुर्शीद, सीपीआई नेता डी. राजा और सीपीएम नेता वृंदा करात आईटीओ पहुंचे. आधी रात को भी लोगों का आईटीओ पहुंचना जारी था. इनमें अधिक संख्या में आम लोग भी शामिल थे. प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग थी कि पुलिस कार्रवाई की जांच हो और हिरासत में लिए गए छात्रों को रिहा किया जाए. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, इस घटना के दौरान 50 छात्रों को हिरासत में लिया गया था जिन्हें रिहा कर दिया गया है. पीटीआई के मुताबिक़ कालकाजी थाने में मौजूद 35 और न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी में रहे 15 छात्रों को छोड़ दिया गया है. वहीं, दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने ट्वीट करके बस जलाने के लिए बीजेपी को ज़िम्मेदार ठहराया है. बीजेपी के दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सिसौदिया के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए उन्हें 'झूठा' कहा है. मनोज तिवारी ने हिंसा के लिए ओखला के विधायक अमानतुल्ला ख़ान को ज़िम्मेदार ठहराया है. मनोज तिवारी ने ट्वीट किया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने विधायक से जनता को भड़काने का काम कर रहे हैं. वहीं, मनीष सिसौदिया ने ट्वीट करके कल दक्षिण पूर्वी दिल्ली के ओखला, जामिया, न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी, मदनपुर खादर क्षेत्र के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद करने की घोषणा की है. जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस कार्रवाई पर कांग्रेस ने आधी रात को प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर पुलिस कार्रवाई की निंदा की है और साथ ही हिंसा की निंदा की है. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, "छात्रों पर बर्बरतापूर्वक हमला हुआ है. बसों के जलाने की हम निंदा करते हैं. हिंसा करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए. पूर्वोत्तर राज्यों के विरोध की आग दिल्ली तक आ गई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. पुलिस ने जो कार्रवाई की है उसकी जांच हो."
एक प्रत्यक्षदर्शी की आँखों देखी:
हुआ ये कि जामिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध मार्च निकाला था. ये मार्च जामिया नगर, भरत नगर, न्यू फ़्रेंड्स कॉलोनी और अपोलो अस्पताल के आसपास के इलाक़ों में हो रहा था. इसमें यूनिवर्सिटी के छात्र तो थे ही, पर बाटला हाउस और आसपास के इलाक़ों में रहने वाले स्थानीय लोगों की भी बहुत बड़ी संख्या थी. सब शांति से मार्च में चल रहे थे. छात्रों के एक समूह ने शनिवार शाम को ही ये कहा था कि इस क़ानून के ख़िलाफ़ जो भी प्रोटेस्ट होगा, वो शांतिपूर्ण होगा. लेकिन जैसे ही ये मार्च न्यू फ़्रेंड्स कॉलोनी के कम्युनिटी सेंटर के पास से गुज़रा वहाँ पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरीकेड्स लगा रखे थे. वहाँ कुछ छात्र ज़मीन पर बैठ गए. इन छात्रों में जामिया के मौजूदा स्टूडेंट्स के अलावा यूनिवर्सिटी के कई पूर्व छात्र भी शामिल थे. पुलिस की नाकेबंदी को देखते हुए भीड़ का एक हिस्सा दूसरे रास्ते से आश्रम की तरफ़ बढ़ने लगा. कुछ देर बाद इस भीड़ ने आश्रम के पास रास्ता जाम कर दिया. इससे दिल्ली और फ़रीदाबाद को जोड़ने वाला मथुरा रोड भी जाम हो गया. पुलिस ने सड़क खाली कराने के लिए वहाँ लाठीचार्ज किया. आंसू गैस के गोले छोड़े और इसमें कई महिलाओं को चोट लगी. इसके जवाब में भीड़ की तरफ़ से पत्थरबाज़ी की जाने लगी. उग्र नारेबाज़ी होने लगी और टकराव बढ़ गया. इससे पहले भी जामिया के छात्रों ने 13 दिसंबर को मार्च निकालने की कोशिश की थी तो पुलिस ने उन्हें बैरीकेड लगाकर रोक दिया था. तब भी थोड़ी झड़प हुई थी जिसमें कुछ छात्रों को चोट लगी थी. पिछले दो-तीन दिनों से पुलिस ने न्यू फ़्रेंड्स कॉलोनी के कुछ इलाक़ों में नाकेबंदी की हुई थी ताकि इस इलाक़े में कोई बड़ा मार्च ना हो सके.
मेट्रो स्टेशन बंद
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने ट्वीट किया है कि सुरक्षा कारणों से वसंत विहार, मुनिरका और आरके पुरम मेट्रो स्टेशनों को फ़िलहाल बंद कर दिया गया है. इसके अलावा पटेल चौक, विश्वविद्यालय, जीटीबी नगर, शिवाजी स्टेडियम मेट्रो स्टेशनों को भी बंद किया गया है. डीएमआरसी ने सुखदेव विहार, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, ओखला विहार, जसोला और शाहीन बाग मेट्रो स्टेशनों को भी बंद करने का अपडेट जारी किया है.